भैंस की नस्लें

  • मुर्रा : यह नस्ल प्रमुख रूप में रोहतक, गुड़गांव, और हरियाणा के जींद जिले में पायी जाती हैं। यह प्रजाति की भैंस सालाना २००० लीटर देने की क्षमता रखती है।
  • नीली रावी: इस प्रजाति की भैंस पाकिस्तान और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र जैसे अमृतसर और फ़िरोज़पुर में पायी जाती है। इस नस्ल की भैंस का वज़न औसत ५५० किलोग्राम तक होता ह। अगर नीली रवि का रखरखाव अच्छे से किया जाए और इसको उच्च गुणवत्ता खुराक मिले तो ये ३००० से ३५०० लीटर तक सालाना दूध देने की क्षमता रखती है।
  • जाफराबादी :यह प्रजाति जूनागढ़, जामनगर, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर और अमरेली में ज़्यादा प्रचलित है। इस नस्ल की भैंस औसत रूप से २१५० किलोग्राम दूध देती है।
  • सूरती: ये नस्ल गुजरात के खेड़ा, आनंद, और बड़ौदा जिले में पायी जाती है। इसमें १२०० से १५०० किलोग्राम दूध देने की क्षमता होती है। यह प्रजाति ज़्यादा भार नहीं उठा सकती है।
  • मेहसाणा: भैंस की यह नस्ल को गुजरात के साबरकांठा, मेहसाणा और बनासकांठा जिले में देखा जा सकता है। इन भैंसों के दुग्ध उत्पादन/ब्यांत 1200 से 1500 किलोग्राम है।
  • गोदावरी: यह नस्ल मुख्य तौर पर आंध्र प्रदेश के गोदावरी में पायी जाती है। दूध देने की क्षमता इनमे 2000 किलोग्राम तक होती है.